Spotnow news: निजी कंपनी के विरोधी आंदोलन के दौरान निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी के खिलाफ राजकार्य में बाधा डालने का मामला दर्ज किया गया है।
जैसलमेर के बईया गांव में शुक्रवार को हुए इस घटनाक्रम में विधायक भाटी ने पुलिस द्वारा पकड़े गए दो युवकों को उनकी जीप से जबरन उतार लिया था। इस पर पुलिस ने शनिवार को एफआईआर दर्ज कर जांच की जिम्मेदारी सीआईडी-सीबी को सौंप दी है।
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जानकारी के अनुसार- बईया गांव में एक निजी कंपनी द्वारा ग्रिड सब स्टेशन (GSS) का निर्माण किया जा रहा है। जिसके खिलाफ ग्रामीणों ने 16 दिन से धरना शुरू कर रखा है। उनका कहना है कि ओरण भूमि (संरक्षित भूमि) को सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज किया जाए और उसे किसी प्रकार के निर्माण से बचाया जाए। शुक्रवार को धरने में हिस्सा लेने के लिए विधायक रविंद्र सिंह भाटी भी पहुंचे।
विधायक भाटी ने धरने में भाग लिया और रात वहीं पर ग्रामीणों के साथ बिताई। इस प्रदर्शन में जब पुलिस ने दो युवकों को धरने से उठाकर अपनी जीप में बैठाया तो उसी दौरान भाटी ने पुलिस को दबाव डालकर उन्हें जीप से बाहर करवा दिया। यह घटना कुछ समय तक बहस का कारण बनी जिसके बाद मामले को लेकर सिटी सीओ रूपसिंह ने एफआईआर दर्ज करवाई।
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शुक्रवार दोपहर को पुलिस और विधायक भाटी के बीच बहस भी हुई। जब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को काबू करने की कोशिश की। पुलिस ने आरोप लगाया कि इन युवकों ने उत्पात मचाया था, जबकि भाटी ने इसे एक आंदोलन और संघर्ष का हिस्सा बताया।
धरने के दौरान विधायक भाटी ने शनिवार सुबह कलेक्टर प्रताप सिंह से भी मुलाकात की। कलेक्टर से बातचीत के बाद विधायक भाटी ने स्पष्ट किया कि वह ग्रामीणों के आंदोलन के समर्थन में खड़े हैं और ओरण भूमि को बचाने के लिए उनका संघर्ष जारी रहेगा। जब तक उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं मिलेगा।
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एफआईआर के बाद विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने फोन पर कहा कि पुलिस के आला अधिकारी अहमदाबाद से इशारे पर हमारे आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन हम किसी भी दबाव के सामने नहीं झुकेंगे, हम मजबूती से अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।
इस पूरे घटनाक्रम के बाद अब पुलिस ने सीआईडी-सीबी को मामले की जांच सौंप दी है। ताकि यह स्पष्ट हो सके कि विधायक ने किस तरह से पुलिस कार्य में हस्तक्षेप किया।
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