Spotnow news: खीवंसर चुनाव में बीजेपी की जीत ने राजनीति में भारी हलचल कर दी है। सभी दिग्गज नेताओं की तरफ से इस जीत पर बयानबाजी हो रही हैं।
हनुमान बेनीवाल ने चुनाव में अपनी हार को लेकर बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि सारे कायरों ने एक जगह इकट्ठा होकर मैदान मारने की कोशिश की है।
यह भी पढ़ें:-Spotnow news: RLP के गढ़ में BJP की जीत: हनुमान बेनीवाल की पत्नी कनिका 13,870 वोटों से हारी
सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि- यह जो आदमी जीता है, अपना ही है। लेकिन दुर्भाग्यवश यह उसकी जीत नहीं है। इस जीत के पीछे 50 ठेकेदार हैं। कोई अपनी मूंछ मुंडवा रहा था, तो कोई कहीं के बाल उड़ा रहा था। इससे साफ-साफ अंदाजा लगता है कि सरकार ने अपनी मशीनरी का दुरुपयोग किया है। साथ ही ये सारे कायर एक जगह इकट्ठे हो गए थे। इन कायरों ने मिलकर मैदान मारने की कोशिश की।
लेकिन तैयार हो जाओ हम फिर से मैदान में लड़ेंगे और अगर हम हिम्मत हार जाएंगे। तो फिर दूसरा कौन लड़ेगा राजस्थान में हमारे अलावा? सारी कांग्रेस तो बीजेपी की गोद में बैठी है। जीत बीजेपी की हुई और जश्न ये लोग बना रहे हैं।
बेनीवाल ने कहा कि हम जीते हुए हैं, अभी तो मैं सांसद हूं। आप लोगों को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। बस MLA की सीट चली गई, MP तो मैं ही हूं। हमने तो जिंदगी भर संघर्ष ही किया है। 2003 से लेकर 2023 तक हमेशा सरकारों से लड़ा, मुख्यमंत्रीयों से लड़ा, प्रधानमंत्री से लड़ा, दिल्ली को झुकाया, राजस्थान को झुकाया और आगे भी ऐसे ही झुकाते रहेंगे।
यह भी पढ़ें:-Spotnow news: सुरक्षा अलर्ट: अगर आपका मोबाइल हैक हो जाए तो क्या करें?
इस बार के चुनाव में मैंने अकेले चुनाव लड़ने की सोची, कोई हमारे साथ नहीं आया। फिर भी पिछले चुनाव से 15000 ज्यादा वोट मिले है। सामने वाली पार्टी ने तो केवल ढोंग किया, उनका कैंडिडेट हमेशा रोने का आदी है। हर किसी का कंधा लेकर रोने लगता है, तो 5-6 हजार वोट तो रोने के ही मिल जाते हैं।
जीत के बाद रेवंतराम डांगा का बयान
नागौर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी रेवंतराम डांगा की शानदार जीत हुई। चुनाव परिणाम सामने आने के बाद डांगा ने बयान दिया कि हनुमान बेनीवाल अब पूरी तरह से सत्ता से बाहर हो गए हैं। वे हमेशा गठबंधन के सहारे चुनाव जीतते रहे हैं। कभी भाजपा से गठजोड़ किया, तो कभी कांग्रेस से, लेकिन खुद के बल पर कभी जीत नहीं पाए। अब उन्हें पूरी तरह से नकार दिया गया है। विधानसभा में उनका कोई नाम लेने वाला नहीं रह गया है।
रिछपाल मिर्धा बोले- इसको विभीषणों ने हराया है
रिछपाल मिर्धा ने कहा कि- जब ये पहले बार-बार जीतते आए, तो इन्हें घमंड हो गया। ये कहते थे कि ऊपर तो भगवान हैं और नीचे हनुमान। आज इन्हें खींवसर की जनता ने बता दिया कि अहंकार किसी का नहीं टिकता क्योंकि अहंकार तो राजा रावण का भी नहीं टिका था, उनका भी घमंड विभीषण ने चूर करवाया। इनके भी कई विभीषण हैं, दो तो हमारे साथ ही हैं। उनका कहना था कि इस बार इसको हराना है, घमंड तोड़ना है।
मिर्धा ने आगे कहा कि पहले ये लोग अलग-अलग पार्टियों से गठबंधन करके जीत जाते थे, कभी बीजेपी से किया तो फिर कांग्रेस से गठबंधन कर लिया। लेकिन इस बार किसी ने इनका साथ नहीं दिया, तो अकेले चुनाव लड़ने गए, और इनको अपनी हैसियत का पता लग गया।
यह बीजेपी की बहुत ही शानदार जीत है। इनको 13,000 से ज्यादा वोटों से हराया है। इस जीत का श्रेय सबसे पहले तो शीर्ष नेतृत्व करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को जाता है। इसके बाद जनता को जाता है जिन्होंने गरीब परिवार के रेवंतराम डांगा को जिताया, जो जनता के विकास और उनकी सेवा करने में विश्वास रखते हैं।
मिर्धा ने कानों में कुड़की पर कहा कि अगर ये चुनाव न हारे होते तो हमारे गांव में अमर बकरे घूमते हैं। उनको कुड़की पहनाकर ठाठ में डाल देते हैं। तो आज कुड़की लाया था। अगर ये आते तो उनको दे देता। लेकिन आज बिना उसके ही काम चल गया। अब चाहे ये लोग कितनी भी तैयारी कर लें, 100 मीटर में ही हार गए तो मैराथन क्या दौड़ लेंगे?
यह भी पढ़ें:-Spotnow news: सरकारी नौकरी: SBI में सहायक प्रबंधक (इंजीनियर) के 169 पदों पर भर्ती