Spotnow news: महाराणा प्रताप जिनकी वीरता, शौर्य, त्याग और पराक्रम के लिए भारतवासी उन्हें सदियों से सम्मान देते आए हैं। और उनके वंशज आज अपने धन और ऐश्वर्य को लेकर आपस में विवाद कर रहे हैं।
दरअसल चित्तौड़गढ़ में राजतिलक की रस्म के बाद विश्वराज सिंह मेवाड़ ने सिटी पैलेस स्थित धूणी के दर्शन करना चाहा लेकिन उनके चाचा अरविंद सिंह मेवाड़ ने सिटी पैलेस के गेट बंद कर दिए, जिससे दोनों पक्षों के बीच विवाद हो गया।
क्या है विवाद का पूरा मामला?
उदयपुर के पूर्व राजपरिवार के सदस्य और पूर्व सांसद महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन के बाद उनके बड़े बेटे विश्वराज सिंह मेवाड़ को गद्दी पर बैठाने की परंपरा निभाई गई। सोमवार को चित्तौड़गढ़ किले के फतह प्रकाश महल में खून से राजतिलक की रस्म हुई।
इसके बाद विश्वराज सिंह मेवाड़ परंपरा के तहत धूणी दर्शन के लिए उदयपुर सिटी पैलेस पहुंचे। लेकिन उनके चाचा अरविंद सिंह ने सिटी पैलेस के गेट को बंद करवा दिया।जिसके कारण विश्वराज सिंह का काफिला वहीं रुक गया। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच विवाद बढ़ गया और सोमवार रात पथराव की घटना भी हुई।
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विश्वराज सिंह मेवाड़ को सिटी पैलेस में जाने से रोकने का कारण
उदयपुर के पूर्व राजघराने की अधिकांश संपत्ति जिसमें सिटी पैलेस और एकलिंग जी मंदिर भी शामिल हैं। अरविंद सिंह मेवाड़ के पास है। अरविंद सिंह का दावा है कि उनके पिता, भगवत सिंह, ने महेंद्र सिंह मेवाड़ को अपने अधिकारों से वंचित कर दिया था और वे ही महेंद्र सिंह की वसीयत के एग्जीक्यूटर्स हैं।
वह खुद को महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल ट्रस्ट फाउंडेशन और एकलिंगजी ट्रस्ट के चेयरमैन के रूप में प्रस्तुत करते हैं। इन दोनों ट्रस्टों ने राजतिलक से एक दिन पहले दो सार्वजनिक घोषणाएँ जारी की थीं। जिनमें यह बताया गया कि विश्वराज सिंह मेवाड़ इन ट्रस्टों के सदस्य नहीं हैं। इन घोषणाओं के अनुसार सिटी पैलेस और एकलिंग जी मंदिर में सुरक्षा की दृष्टि से अब से बिना अनुमति के किसी भी अनाधिकृत व्यक्ति को प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
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सिटी पैलेस के मुख्य गेट पर चिपकाया कुर्की का नोटिस
स्थिति बिगड़ने के बाद कलेक्टर अरविंद पोसवाल के आदेश पर सिटी पैलेस जाने वाले रास्ते को छावनी में बदल दिया और सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी। सोमवार रात देर तक कई दौर की वार्ताओं के बावजूद कोई समाधान नहीं निकल पाया। इसके बाद प्रशासन ने विवादित स्थल को कुर्क कर दिया और एक रिसीवर की नियुक्ति की।
इस निर्णय का औपचारिक नोटिस सिटी पैलेस के मुख्य गेट पर चिपकाया गया। यह नोटिस रात करीब एक बजे दो बार संशोधित किया गया। संशोधित नोटिस में दोनों पक्षों के बीच हुई पत्थरबाजी की घटना का उल्लेख किया गया। वहीं विश्वराज सिंह मेवाड़ रात लगभग 1:30 बजे धूणी के दर्शन किए बिना ही अपने निवास समोर बाग लौट गए।
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