अजमेर न्यूज़: अजमेर डिस्कॉम कार्यालय में 1 करोड़ 14 लाख 82 हजार रुपये के घोटाले का मामला सामने आया है।
यहां कैशियर धर्मवीर चौधरी ने बिजली बिल और कनेक्शन शुल्क के नकद भुगतान की रसीदें तो जारी कीं। लेकिन रजिस्टर में जानबूझकर कम रकम दर्ज की।
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जब अधिकारियों ने हिसाब मांगा, तो वह 8 दिन तक टालमटोल करता रहा और बाद में फरार हो गया। यह मामला उदयपुर जिले के मावली स्थित अजमेर डिस्कॉम कार्यालय का है।
अजमेर न्यूज़: जांच में घोटाला उजागर
डिस्कॉम अधिकारियों ने खातों की जांच के दौरान इस बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया। मावली थाना प्रभारी रमेश कविया ने बताया कि डिस्कॉम के एईएन बिजेंद्र गहलोत की शिकायत पर आरोपी धर्मवीर चौधरी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
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एईएन बिजेंद्र गहलोत के अनुसार- कैशियर को हर महीने का हिसाब 1 से 10 तारीख के बीच देना अनिवार्य होता है। धर्मवीर ने दिसंबर महीने का हिसाब 10 तारीख तक नहीं दिया और बार-बार कहने पर भी बहाने बनाता रहा। आखिरकार जब 18 दिसंबर को सख्ती की गई, तो वह अगले ही दिन से लापता हो गया।
बिजली बिल और कनेक्शन शुल्क की रकम गबन
जांच में पता चला कि यह धनराशि बिजली बिल, नए कनेक्शन, कनेक्शन काटने और अन्य सेवाओं के शुल्क के रूप में जमा हुई थी। धर्मवीर ने नकद भुगतान की रसीद तो ग्राहकों को दी, लेकिन पैसा बैंक में जमा नहीं किया। इसके अलावा उसने फर्जी रसीद बुक भी तैयार की थी, जिसकी जांच चल रही है।
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