राजस्थान न्यूज़: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के रेप और मर्डर मामले में दोषी ठहराए गए संजय रॉय को सियालदह कोर्ट ने सोमवार को उम्रकैद की सजा सुनाई।
कोर्ट ने कहा कि संजय रॉय तुमको बताया गया था कि तुम दोषी हो। CBI ने तुम्हारे लिए मृत्युदंड की वकालत की थी। हालांकि यह मामला “रेयरेस्ट ऑफ रेयर” की श्रेणी में नहीं आता।
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राज्य सरकार को पीड़ित परिवार को 17 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया गया। हालांकि, परिवार ने मुआवजा लेने से इनकार कर दिया।
कोर्ट ने दोषी सीबीआई और पीड़ित परिवार के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुनाया। जज अनिर्बान दास ने कहा कि “संजय रॉय के अपराध साबित हो चुके हैं। उसे खुद को निर्दोष साबित करने का पूरा मौका दिया गया।”
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इससे पहले 18 जनवरी को कोर्ट ने संजय को दोषी करार दिया था, लेकिन सजा पर फैसला सुरक्षित रखा गया था। इस केस में अदालत ने 160 पन्नों का विस्तृत फैसला लिखा।
क्या था मामला?
8 अगस्त की रात को मेडिकल कॉलेज की ट्रेनी डॉक्टर का बलात्कार और हत्या की गई थी। संजय रॉय जो अस्पताल में सुरक्षा के लिए तैनात सिविक वॉलंटियर था को 10 अगस्त को गिरफ्तार किया गया। फोरेंसिक जांच में घटनास्थल और पीड़िता की बॉडी पर संजय का डीएनए मिलने से उसका अपराध सिद्ध हुआ।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस अपराध को शर्मनाक करार देते हुए कहा कि दोषी को फांसी मिलनी चाहिए। वहीं संजय की मां और बहन ने कहा कि वे सजा के खिलाफ अपील नहीं करेंगी, चाहे उसे फांसी ही क्यों न दी जाए।
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सजा सुनाए जाने के बाद संजय ने कहा-
“मैंने यह अपराध नहीं किया। मुझे फंसाया गया है। असली अपराधियों को बचाया जा रहा है। अगर मैंने ऐसा कुछ किया होता, तो मेरे रुद्राक्ष की माला टूट जाती।”
न्याय के इंतजार में पीड़ित परिवार
पीड़ित परिवार ने मुआवजा लेने से इनकार करते हुए कहा कि वे केवल दोषी को फांसी की सजा चाहते हैं। अदालत के फैसले के बाद भी परिवार संतुष्ट नहीं है और उन्होंने उच्च न्यायालय में अपील करने का इरादा जताया है।