राजस्थान न्यूज़: जयपुर में एक 42 वर्षीय महिला जिसका नाम मधु अग्निहोत्री है, को गिरफ्तार किया गया है।
उस पर आरोप है कि उसने तीन नाबालिगों जिनमें एक यौन उत्पीड़न की शिकार लड़की भी शामिल है, को बंधक बनाकर घरेलू काम करने के लिए मजबूर किया।
जब बच्चे काम करने से इनकार करते थे, तो वह उन्हें नियमित रूप से डंडों और चैन से पीटती थी।
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पश्चिमी डीसीपी अमित कुमार ने बताया कि 25 जनवरी को हीरापुर के रजनी विहार निवासी मधु अग्निहोत्री को चाइल्ड एब्यूज के साथ अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया गया है।
डीसीपी ने बताया कि पिछले साल 18 नवंबर को चाइल्ड हेल्पलाइन को सूचना मिली थी कि तीन नाबालिग 15 वर्षीय लड़की और 6 और 8 वर्षीय दो लड़के रजनी विहार के एक घर में बंधक बने हुए हैं। जहां उन्हें नियमित रूप से शारीरिक और मानसिक शोषण का सामना करना पड़ रहा था। उसी दिन उन्हें वहां से बचा लिया गया।
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बच्चों के शरीर पर कट और संक्रमण
पुलिस ने बताया कि घर की मालकिन महिला का मोबाइल बंद था। जिससे लोकेशन ट्रेस नहीं हो सकी। बच्चों को बाद में विभिन्न आश्रय और देखभाल केंद्रों में रखा गया, जहां कर्मचारियों ने उनके शरीर पर कट, दाने और स्कीन इन्फेक्शन पाया।
पुलिस ने निकाली महिला की क्राइम फाइल
11 जनवरी को एक महिला जो खुद को बच्चों की मां बताती थी, करणी विहार पुलिस स्टेशन पहुंची और बच्चों की हिरासत की मांग की, जिससे हंगामा खड़ा हो गया। इस घटना ने पुलिस को मामले की जांच करने के लिए प्रेरित किया।
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पुलिस ने अन्य जिले के पुलिस स्टेशन के रिकॉर्ड की जांच की, जिसमें पता चला कि नाबालिग लड़की एक यौन उत्पीड़न की शिकार है। पुलिस ने यह भी पता लगाया कि आठ साल पहले आरोपी ने लड़की को उसके परिवार से झूठे वादे करके ले लिया था कि वह उसकी देखभाल करेगी।
जांच में यह भी सामने आया कि दोनों लड़के आरोपी की पूर्व महिला कर्मचारी के बच्चे हैं। पुलिस ने बताया कि आरोपी महिला बच्चों को काम करने से रोकने पर चेन, डंडे और अन्य वस्तुओं से पीटती थी।
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आरोपी महिला का बयान
जबकि अग्निहोत्री ने दावा किया कि उसने लड़की का चिकित्सा उपचार कराया और उसके परिवार की आर्थिक मदद की, जांच में यह पाया गया कि उसने परिवार की आर्थिक कठिनाइयों का फायदा उठाया।