राजस्थान न्यूज: टेरिटोरियल आर्मी के जवान रामचंद्र चौधरी की ट्रेन की छत पर करंट लगने से मौत हो गई। बुधवार को जब उनका पार्थिव शरीर पैतृक गांव श्रीकृष्णनगर धर्मादा टांका (फलोदी) लाया गया, तो गांव में गुस्सा फूट पड़ा।
शहीद का दर्जा न मिलने से नाराज़ ग्रामीणों और स्कूली बच्चों ने एंबुलेंस रोक ली और विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने रामचंद्र को शहीद का दर्जा और सैन्य सम्मान से अंतिम संस्कार की मांग की।
जिम्मेदार बेटा, समर्पित जवान
24 वर्षीय रामचंद्र श्रीनगर में टेरिटोरियल आर्मी की एक बटालियन में तैनात थे। हाल ही में उनकी पोस्टिंग सिकंदराबाद (तेलंगाना) हुई थी। सोमवार रात वे सांबा जिले के बाड़ी ब्राह्मणा रेलवे स्टेशन से ट्रेन पकड़ने पहुंचे थे। रवाना होने से पहले उन्होंने शाम 8 बजे अपने पिता गोपीराम को फोन कर बताया था कि वे निकल रहे हैं और रास्ते में ताऊ की बेटी की शादी में एक-दो दिन रुक सकते हैं।
हालांकि यह साफ नहीं है कि वे ट्रेन की छत पर क्यों चढ़े, लेकिन वहीं हाई वोल्टेज तार की चपेट में आने से उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
रामचंद्र एक महीने पहले ही घर से छुट्टी बिताकर लौटे थे। 2021 में उनकी शादी हुई थी। परिवार में पत्नी, ढाई साल की बेटी, एक बहन, एक दिव्यांग छोटा भाई और वृद्ध माता-पिता हैं। पूरा परिवार उन्हीं पर निर्भर था।
उनकी बहन की शादी बुधवार को होनी थी, लेकिन भाई की मौत की खबर से घर में मातम छा गया। शादी एक दिन पहले ननिहाल में सादगी से कराई गई।
ग्रामीणों की प्रमुख मांगें
रामचंद्र को शहीद का दर्जा मिले
सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाए
परिवार को सरकार की ओर से सहायता
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