राजस्थान न्यूज: बहुचर्चित बाड़मेर एनकाउंटर मामले में बड़ा मोड़ आया है, जहां एसीजेएम (CBI) कोर्ट ने कमलेश प्रजापत एनकाउंटर केस में सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को खारिज करते हुए 2 आईपीएस अधिकारियों समेत 24 पुलिसकर्मियों पर हत्या का केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
कोर्ट ने इस मामले में तत्कालीन राजस्व मंत्री व वर्तमान बायतू विधायक हरीश चौधरी, उनके भाई मनीष चौधरी और तत्कालीन आईजी नवज्योति गोगोई की भूमिका की जांच के निर्देश भी दिए हैं और सीबीआई को दो महीने में रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
यह मामला 22 अप्रैल 2021 का है, जब पुलिस ने बाड़मेर के सदर थाना क्षेत्र में एक मकान पर दबिश के दौरान कथित तस्कर कमलेश प्रजापत का एनकाउंटर किया था। जिसे पुलिस ने जवाबी कार्रवाई बताया था। एनकाउंटर के बाद हुए सर्च ऑपरेशन में बड़ी मात्रा में कैश, हथियार, गाड़ियां और नशे का सामान जब्त करने का दावा किया गया था।
लेकिन मृतक की पत्नी जसोदा ने 2023 में सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को चुनौती देते हुए कोर्ट में याचिका दाखिल की, जिसमें निष्पक्ष जांच न होने, सीसीटीवी फुटेज डिलीट होने और प्रभावशाली लोगों से पूछताछ न होने की बात कही गई थी।
कोर्ट ने तमाम तथ्यों को गंभीरता से लेते हुए 16 अप्रैल 2025 को आदेश दिए कि मर्डर केस दर्ज कर जांच दोबारा की जाए और सभी संदिग्ध अधिकारियों व नेताओं की भूमिका की गहराई से जांच हो।
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