अशोक गहलोत ने कहा कि भाजपा सरकार मनमाने तरीके से पंचायतीराज एवं नगरीय निकायों का पुनर्गठन कर चुनाव जीतना चाहती है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर गहलोत ने लिखा-
राजस्थान की भाजपा सरकार मनमाने तरीके से पंचायतीराज एवं नगरीय निकायों के पुनर्गठन कर रही है। मैं ऐसा पहली बार देख रहा हूं कि सारे नियम-कानून तोड़े जा रहे हैं। जिला कलेक्टरों ने जनता की आपत्तियां दर्ज कर आगे कार्रवाई करने की बजाय हाथ खड़े कर दिए हैं और कलक्टर कह रहे हैं कि हम कुछ नहीं कर पाएंगे, सारा काम राज्य सरकार के स्तर से हो रहा है।
भाजपा और RSS मिलकर येन-केन-प्रकरेण पंचायतीराज और नगरीय निकाय के चुनाव जीतना चाहती है। इसके लिए पहले भरतपुर जिला प्रमुख समेत कई जगह इनके उपचुनाव तक नहीं करवाए। फिर वन स्टेट-वन इलेक्शन के नाम पर कार्यकाल पूरा होने के बाद भी चुनाव नहीं करवाए एवं अब ये वोटबैंक को साधकर जीतने के लिए नियमों एवं जनता की सहूलियत को भी अनदेखा कर रहे हैं।
न तो न्यूनतम एवं अधिकतम जनसंख्या के पैमाने को माना जा रहा है और न ही मुख्यालय से उचित दूरी का ध्यान रखा जा रहा है। कहीं शहर से 10-10 किलोमीटर दूर के गांवों को नगरीय निकायों में मिलाया जा रहा है तो कहीं गांवों को इस तरह पंचायतों से जोड़ा जा रहा है कि पंचायत मुख्यालय ही 5 से 10 किलोमीटर दूर हो गया है।
अशोक गहलोत-
मैं राज्य सरकार से कहना चाहता हूं कि इस तरह की गतिविधियां उचित नहीं है। जनता में इसको लेकर आक्रोश पनप रहा है। जिला कलेक्टरों को भी यह सुनिश्चित करना चाहिए कि राजनीतिक दबाव में न आकर नियमानुसार सुसंगत तरीके से पूरी पुनर्गठन प्रक्रिया हो।