राजस्थान न्यूज: अलीगढ़ (उत्तरप्रदेश) का निवासी आयुर्वेदिक डॉक्टर देवेंद्र शर्मा वह नाम है जिसने अपने लालच और वहशीपन से इंसानियत की हदें पार कर दीं।
उसे “डॉक्टर डेथ” के नाम से भी जानते हैं। वह अब तक 100 से ज्यादा लोगों की हत्या कर चुका है, और करीब 125 से अधिक अवैध किडनी ट्रांसप्लांट कर चुका है।
देवेंद्र बना डॉक्टर डेथ…
देवेंद्र का अपराधों की दुनिया में कदम 1994 में हुआ। जब उसने एक गैस एजेंसी का व्यवसाय शुरू किया। बिजनेस में भारी घाटा होने के बाद उसने एक अवैध किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट खड़ा किया। इस धंधे में मोटा पैसा तो था, लेकिन अंग कहां से लाए जाएं – यह सबसे बड़ा सवाल था।
टारगेट बनाया ड्राइवरों को…
देवेंद्र ने योजना बनाई और टैक्सी, रिक्शा और निजी वाहन चलाने वालों को निशाना बनाना शुरू किया। ऐसे लोग जो अपनी रोज़ी-रोटी के लिए दूर-दराज जगहों तक जाने को मजबूर होते हैं। वह खुद सवारी बनकर बैठता, फिर सुनसान इलाके में ले जाकर उनका अपहरण करता, उन्हें अपने क्लिनिक में ले जाकर किडनी निकालता, और फिर हत्या कर देता।
लेकिन हत्या के बाद भी उसका तरीका बेहद निर्दयी और चालाक था – वह लाशों को जलाता या दफनाता नहीं था, बल्कि उत्तरप्रदेश के कासगंज जिले की हजारा नहर में फेंक देता। इस नहर में मगरमच्छ होने के कारण शवों के डीएनए या पहचान के लिए कोई सबूत नहीं बचता था। अधिकतर मृतकों की पहचान कभी सामने ही नहीं आ पाई।
धीरे-धीरे देवेंद्र ने अपनी एक गैंग तैयार कर ली, जो निर्दोष लोगों को पकड़कर उसके पास लाने लगी। उसका आतंक दिल्ली, उत्तरप्रदेश, राजस्थान और हरियाणा तक फैल गया।
राजस्थान न्यूज: कुछ चर्चित हत्याएं…
कमल सिंह – फरीदाबाद के टैक्सी चालक। मार्च 2007 में कोर्ट ने देवेंद्र और उसके दो साथियों को इस हत्या में दोषी ठहराया।
नरेश वर्मा – गुरुग्राम के टैक्सी चालक। 2002 में गुरुग्राम-सोहना रोड पर सुनसान जगह पर इनकी हत्या कर उनकी टाटा सूमो चुरा ली गई थी।
चांद खां और शराफत खां – जयपुर के रहने वाले दोनों भाइयों को 18 जनवरी 2004 को हापुड़ ले जाने के बहाने से ले जाया गया और फिर हत्या कर शव हजारा नहर में फेंक दिए गए।
इन हत्याओं के बाद परिवारों ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई। पुलिस ने जांच शुरू की, साथियों को पकड़ा और पूछताछ के बाद जुलाई 2004 में डॉक्टर देवेंद्र शर्मा गिरफ्तार हुआ।
पुलिस पूछताछ में देवेंद्र ने कबूला कि उसने 125 से अधिक अवैध ट्रांसप्लांट किए। कोर्ट में अब तक 8 मामलों में दोषी ठहराया जा चुका है। इनमें से 7 मामलों में उम्रकैद और गुरुग्राम के नरेश वर्मा मर्डर केस में फांसी की सजा दी गई है।
देवेंद्र तिहाड़ जेल में सजा काट रहा था, लेकिन 2020 में पैरोल पर बाहर आया और फरार हो गया। पुलिस ने उसे 7 महीने बाद फिर से पकड़ लिया। लेकिन कहानी यहीं नहीं रुकी अगस्त 2023 में फिर पैरोल पर बाहर आया और दोबारा फरार हो गया।
इस बार वह राजस्थान के दौसा जिले के एक आश्रम में रहकर प्रवचन देने लगा। दिल्ली पुलिस ने उसकी लोकेशन ट्रेस कर, कई टीमों के जरिए कार्रवाई करते हुए आश्रम से उसे फिर से गिरफ्तार कर लिया है।
डॉक्टर डेथ ने बताया था कि उसे लोगों को गला घोंटकर मारने में मजा आता था।
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