जोधपुर के रातानाडा थाना क्षेत्र में एजीपी सीजीडी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (AGP CGD) कंपनी से 1.06 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। यह फर्जीवाड़ा कंपनी के ही पूर्व कर्मचारी और दो अन्य लोगों द्वारा किया गया। कंपनी के चीफ मैनेजर (मार्केटिंग) अंशुल गंगावत की रिपोर्ट पर रातानाडा थाने में एफआईआर दर्ज की गई है।
आरोपियों में पूर्व कर्मचारी भी शामिल-
रिपोर्ट के अनुसार, नवदुर्गा सीएनजी ऑटो गैस। इसके प्रोप्राइटर मनीष गहलोत, अनिल गहलोत और कंपनी के पूर्व सत्यापन अधिकारी युवराज सिंह सोलंकी को आरोपी बनाया गया है। आरोप है कि इन लोगों ने मिलकर कंपनी को 554 फर्जी और डुप्लीकेट बिल बनाकर 1 करोड़ 6 लाख 2 हजार रुपए का चूना लगाया।
आरएफसी योजना के तहत किया गया फ्रॉड-
कंपनी ने जोधपुर में एलपीजी ऑटो को सीएनजी में कन्वर्ट करने के लिए “आरएफसी इंसेंटिव योजना” चलाई थी। इसके तहत नवदुर्गा सीएनजी ऑटो गैस को वर्क ऑर्डर मिला था। लेकिन बाद में जांच में सामने आया कि फरवरी 2024 में जमा किए गए बिलों में भारी गड़बड़ी है।
फर्जी बिलों को जानबूझकर दी गई स्वीकृति-
इन बिलों की पुष्टि कंपनी के तत्कालीन सत्यापन अधिकारी युवराज सिंह सोलंकी द्वारा की गई थी। जांच में यह भी पता चला कि सोलंकी ने जानबूझकर फर्जी बिलों को पास किया और अन्य आरएफसी सेंटरों का डेटा भी नवदुर्गा को सौंपा। जिससे कंपनी को और अधिक नुकसान हुआ।
91 लाख वापस किए, बाकी रकम अटकी-
शुरुआत में आरोपी कंपनी पर लगे आरोपों से मुकरते रहे, लेकिन जब सबूत सामने रखे गए तो उन्होंने फर्जीवाड़ा स्वीकार किया। इसके बाद 91 लाख 62 हजार रुपए कंपनी को लौटाए, लेकिन 14 लाख 40 हजार रुपए अब भी बकाया हैं। साथ ही आरोपी द्वारा दिया गया 7 लाख रुपए का चेक भी बाउंस हो गया।
पुलिस जांच जारी-
कंपनी ने आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी से जुड़े दस्तावेज और साक्ष्य पुलिस को सौंपे हैं। इस मामले की जांच एसआई भंवरसिंह को सौंपी गई है। पुलिस पूरे मामले की तह तक जाने में जुटी हुई है।
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