Spotnow News: अलवर. जिला हॉस्पिटल में बुधवार सुबह करीब 5 बजे कैंसर के मरीज ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। मरीज वार्ड में फंदे पर लटका मिला। वह पांच साल से बीमारी से जूझ रहा था। आखिरी समय में हालत इतनी खराब थी की वह बोल भी नहीं पा रहा था। खाने-पीने में भी दिक्कत थी। बीमारी से परेशान होकर उसको आत्महत्या करनी पड़ी।
कैंसर का मरीज टिटपुरी गांव निवासी अकरम (35) था। वह परिवार का इकलौता बेटा था, जिसके इलाज के लिए जमीन भी बेचनी पड़ी थी। उसे जीभ का कैंसर था।
बाथरूम में फंदे पर लटका मिला अकरम
मरीज के चचेरे भाई ने बताया- अकरम 5 साल से बीमारी से परेशान था। एक दिन पहले ही उसे निजी हॉस्पिटल से सरकारी हॉस्पिटल एडमिट करवाया था। आज सुबह वह वार्ड के बाथरूम में गया था। अन्य व्यक्ति बाथरूम में गया तो वह फंदे पर लटका मिला।
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दर्द के कारण बोल भी नहीं पाता था
चचेरे भाई ने बताया- उसे जीभ का कैंसर था। गुटखा खाने के कारण वह इस बीमारी की चपेट में आ गया। कैंसर बढ़ता-बढ़ता गले और फेफड़ों तक पहुंच गया था, जिसके कई ऑपरेशन करा चुका था। खाने-पीने में दिक्कत थी। उसे कुछ खाते ही दर्द होता था। वह दर्द से कराहता रहता था। आखिरी समय में कुछ बोल भी नहीं पाता था।
इलाज के लिए बेचनी पड़ी जमीन
उसके इलाज में करीब 50 लाख रुपए कैंसर के इलाज में खर्च हो चुके थे। इलाज के लिए उसके परिवार को 4 बीघा जमीन भी बेचनी पड़ी थी। एक ऑपरेशन तीन साल पहले दिल्ली में हुआ था। अब आखिरी दिनों में हालत बहुत अधिक खराब हो गई थी। कुछ भी खा-पी नहीं पाता था। जयपुर में एसएमएस में भी इलाज चला था। वहां से जयपुर में प्राइवेट हॉस्पिटलों में भी इलाज करवाया।