SPOTNOW NEWS: नावांशहर. नावां से दूसरे राज्यों में पोटाश के नाम पर नमक बेचकर किसानों के साथ धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है। सफेद नमक के इस काले कारोबार में पिछले कुछ सालों में नमक व्यापारियों ने करोड़ों रुपये कमाए है। 1 रुपए किलो के नमक को 28 रुपए किलो का पोटाश बनाकर बेचा जा रहा था।
SPOTNOW NEWS: चीफ एडिटर हेमन्त जोशी की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट
पोटाश के नाम पर किसानों के साथ धोखाधड़ी करने वाले नमक व्यापारी और ठेकेदार समेत ट्रांसपोर्टर अब पुलिस रिमाण्ड पर है। इस मामले में जानकारी जुटाई तो यह करोड़ों रुपयों का बड़ा स्कैम सामने आया है।
जिस पोटाश के बाजार भाव सरकार की सब्सिडी के बाद में 28 सौ रुपए क्विंटल है उसे महज 80 रुपए क्विंटल वाले नमक से तैयार करके जमीनों को बंजर बना दिया गया। नमक व्यापारियों ने अपने मुनाफे के लिए सैंकड़ों किसानों की कई एकड़ उपजाऊ जमीनों को बंजर बना दिया है।
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मुकदमा दर्ज होने के बाद हुआ मामले का खुलासा
हमारी टीम ने छत्तीसगढ़ में पोटाश के नाम पर नमक भेजने वाले पूरे प्रकरण की जानकारी जुटाई तो सामने आया कि पिछले कुछ सालों से नावां और कुचामन के कुछेक नमक व्यापारी नमक में ब्राउन (भूरा) रंग मिलाकर उसे पोटाश के रुप में 50 किलो के बैग में पैक करके ट्रांसपोर्टर की मिलीभगत से दूसरे राज्यों में भिजवा रहे थे। सैंकड़ोंं किसान पोटाश के रुप में इन बैग की बाजारों से खरीद करके अपने खेतों में डाल चुके हैं।
अच्छी पैदावार नहीं, भूमि को बंजर बनाता है नमक
किसान बाजार से जिस नकली पोटाश (नमक) को महंगे भाव में खरीद कर खेतों में डाल रहे थे, वह नमक असल में भूमि की उर्वरक क्षमता को खत्म करता था। कई किसानों के साथ यह धोखाधड़ी हुई और उनकी फसलें खराब हो गई। किसानों को तो यह भनक भी नहीं थी कि जिसे वह पोटाश समझकर खेतों में डाल रहे थे, वह तो नमक था। इसी धोखाधड़ी में नमक व्यापारियों ने करोड़ों रुपए कमाए थे। इससे किसानों की उपजाऊ जमीनें बंजर हो गई।
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कैसे पकड़ में आया मामला
नावां से छत्तीसगढ़ में पोटाश की गाड़ी के नाम पर रंगीन नमक के बैग भेजे गए। वहां पर उत्तर बस्तर जिले में पखांजूर के मण्डी परिसर में 2 जुलाई को ट्रक पहुंच गया। पखांजूर में सह कृषि विकास अधिकारी ने इस ट्रक के सेम्पल की जांच की कुछ गड़बड़ी मिली। इसके बाद सेंपल को परीक्षण के लिए लैब में भेजा गया। बरामद उर्वरक खाद पोटाश परीक्षण रिपोर्ट में नकली गुणवत्ताहीन होना पाया गया। इसके बाद अधिकारियों को सूचित करने के साथ ही पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज करवाया गया।
कई नमक उद्यमी करते है यह धांधली
नमक के उत्पादन और बिक्री पर कोई टैक्स का दायरा नहीं है और नमक पूर्णतया टैक्समुक्त है। इसके लिए नमक खाद्य सामग्री होने के चलते कोई विभाग इनकी जांच भी नहीं करता है। महज खाद्य विभाग की ओर से साल में एकाध बार आयोडीन की जांच कर इतिश्री कर लेता है। यही कारण है कि नमक उद्यमी बेखौफ होकर अवैध कारोबार करने लगे है। रंगीन नमक बनाने का यह काम नावां में कई नमक व्यापारी कर रहे हैं। जिनकी जांच होनी चाहिए।
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