Spotnow News: सीकर. रैवासा पीठ के उत्तराधिकारी राजेंद्र दास देवाचार्य चादरपोशी के बाद रैवासा पीठ के 18वें पीठाधीश्वर बने हैं। चादरपोशी का कार्यक्रम श्री जानकीनाथ बड़ा मंदिर परिसर में सुबह 11:15 बजे से शाम 4:15 बजे तक चला।
प्रमुख पीठाधीश्वरों, महामंडलेश्वरों व साधु-संतों ने पूजा अर्चना कर विधि-विधान के साथ रैवासा की गद्दी पर उत्तराधिकारी राजेंद्र दास देवाचार्य महाराज को विराजित किया। इसके बाद वे रैवासा पीठ के नए पीठाधीश्वर घोषित किए गए। बाद में सभी संत-महंतों ने पीठाधीश्वर राजेंद्र दास देवाचार्य महाराज को चादर ओढ़ाकर स्वागत किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी पहुंचे।
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कार्यक्रम में पहुंचे मुख्यमंत्री
जानकीनाथ का सबसे प्राचीन मंदिर
1517 में बना जानकीनाथ का सबसे पुराना मंदिर यही है। पीठ के संस्थापक अग्रदेवाचार्य को साक्षात सीताजी के दर्शन का जिक्र भी सुनने को मिलता है। ब्रह्मलीन हुए डॉ. स्वामी राघवाचार्य ने 9 साल पहले 2015 में अपनी वसीयत में राजेंद्र दास महाराज को पीठ का उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था।
गौभक्त और कथावाचक भी है राजेंद्रदास महाराज
राजेंद्रदास महाराज मलुक पीठ के पीठाधीश्वर है और वह कथावाचक भी है। उन्हें गौसेवा अतिप्रिय है।
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