Sunday, December 22, 2024
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुवाहाटी में किया कामाख्या मंदिर कॉरिडोर का शिलान्यास

न्यूज डेस्क @ असम. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुवाहाटी के वेटरनरी कॉलेज ग्राउंड में रविवार को मां कामाख्या मंदिर कॉरिडोर का शिलान्यास किया। इसके अलावा असम में 11 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के प्रोजेक्ट भी शुरू किये हैं। इसे महाकाल और काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के तर्ज पर 498 करोड़ रुपए से तैयार किया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने आमसभा में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि अयोध्या में 22 जनवरी को श्रीरामलला के प्राण प्रतिष्ठा के भव्य आयोजन के बाद मैं अब मां कामाख्या के यहां आया हूं। आज मुझे मां कामाख्या दिव्यलोक परियोजना का शिलान्यास करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।

उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने अपनी ही संस्कृति पर शर्मिंदा होने का ट्रेंड बना दिया था। कोई भी अपनी जड़ों को काटकर, अतीत को भुलाकर सफल नहीं हो सकता। हमारे तीर्थ, हमारे मंदिर, हमारी आस्था के स्थान, ये सिर्फ दर्शन करने की स्थली ही नहीं हैं। ये हजारों वर्षों की हमारी सभ्यता की यात्रा की अमिट निशानियां हैं।

मोदी ने कहा कि आज देश में पर्यटन को लेकर ट्यूरिस्ट का उत्साह बढ़ रहा है। असम में पहले 6 मेडिकल कॉलज थे जो आज 12 हैं। पहले बड़े संस्थान बड़े शहरों में होते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है। भाजपा सरकार नॉर्थ ईस्ट के विकास पर विशेष जोर दे रही है। बीते 10 साल में रिकॉर्ड संख्या में यहां टूरिस्ट आए हैं। 2014 तक नॉर्थ-ईस्ट में सिर्फ 10 हजार किमी का नेशनल हाईवे हुआ करते थे। पिछले 10 सालों में ही हमने 6 हजार किमी के नए नेशनल हाईवे बनाए हैं।

मां कामाख्या कॉरिडोर…

PM नरेंद्र मोदी ने नॉर्थ-ईस्ट में चुनाव प्रचार के दौरान कामाख्या कॉरिडोर की  घोषणा की थी। इसे महाकाल और काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तरह बनाया जाएगा। नीलांचल पर्वत पर मां कामाख्या देवी के मंदिर के अलावा कई मंदिर हैं। नीलांचल पहाड़ी के चारों ओर भगवान शिव के पांच मंदिर कामेश्वर, सिद्धेश्वर, केदारेश्वर, अमरतोकेश्वर, अघोरा और कौटिलिंग मंदिर हैं। इन्हीं सब को मिलाकर मां कामाख्या कॉरिडोर तैयार होगा। गुवाहाटी में नीलांचल पर्वत पर मां कामाख्या देवी का मंदिर है। ये 51 शक्तिपीठों में शामिल है। इन्हें कामेश्वरी या इच्छा की देवी भी कहते हैं। यह तांत्रिक शक्तिवाद पंथ का केंद्र भी है।

 

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