Friday, November 22, 2024
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Jodhpur News: आईआईटी प्रोफेसर को डिजिटल अरेस्ट कर 12 लाख रुपए की ठगी

Jodhpur News: जोधपुर. प्रदेश में साइबर ठगों ने आईआईटी की प्रोफेसर को 12 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट कर करीब 12 लाख रुपए ठग लिए। अबकी बार ठगों ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर पीड़िता को कहा कि वह मनी लॉन्ड्रिंग मामले में संदिग्ध है। आपका एक पार्सल मुंबई में आया है, जिसमें ड्रग्स, पासपोर्ट और क्रेडिट कार्ड मिले हैं। इसलिए उसे निगरानी में रहना होगा, नहीं तो गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

करवड़ थाने के सब इंस्पेक्टर ने बताया कि- जोधपुर की आईआईटी असिस्टेंट प्रोफेसर अमृता पुरी (35)  निवासी पटियाला (पंजाब) के साथ डिजिटल अरेस्ट की वारदात हुई है। वह फिलहाल जोधपुर के आईआईटी कैंपस में रहती हैं।मामला जोधपुर के करवड़ थाना इलाके का है। पीड़िता ने 13 अगस्त को आरोपियों के खिलाफ  रिपोर्ट दर्ज करवाई।

अमृता ने रिपोर्ट में बताया कि मेरे पास 1 अगस्त को कई नंबर से कई  फ़ोन कॉल किए थे। मैंने जब  मेने बात कॉल की तो  कॉलर ने खुद को पुलिसकर्मी बताया। कहा- आपका एक पार्सल मुंबई में आया हुआ है। इस पार्सल में एमडी ड्रग्स मिली है। आप इसकी रिपोर्ट मुंबई साइबर क्राइम ब्रांच में करवा दें। इसके बाद बदमाश ने खुद ही कॉल साइबर ब्रांच में ट्रांसफर कर दिया।

Jodhpur Newsखुद को मुंबई की साइबर क्राइम ब्रांच का डीसीपी बताकर उसने कहा कि- आप मनी लॉन्ड्रिंग के केस में फंस गई हैं। इसलिए आपको हमारा सहयोग करना होगा, वरना अरेस्ट कर जेल भेज दिया जाएगा। यह सुनकर मैं डर गई थी। इसके बाद वे लोग जैसा कहते गए, मैं वैसा ही कर रही थी।

मोबाइल, लैपटॉप को कंट्रोल में लिया, कैमरा भी ऑन रखा

 बदमाशों ने उनके मोबाइल फोन को अपने कंट्रोल में ले लिया। कैमरा ऑन रखा और स्क्रीन शेयर कर लिए। यही नहीं, उनका लैपटॉप भी स्काइप ऐप के जरिए कंट्रोल में लिया गया। प्रोफेसर किसी से बातचीत भी नहीं कर सकती थी।

पैसे ट्रांसफर होते ही सभी एक्सेस हटा दिए

11 अगस्त को फाइनेंशियल वैरिफिकेशन के लिए बोला गया। फीर सभी खातों और फंड्स की डिटेल ली। 12 अगस्त को यस बैंक के उनके एक अकाउंट में चेक से रियल-टाइम ग्रॉस सेटलमेंट के जरिए 11 लाख 97 हजार रुपए ट्रांसफर करवाए थे। पैसा ट्रांसफर होते ही उन लोगों ने प्रोफेसर के सभी कम्युनिकेशन डिवाइस से एक्सेस हटा लिए।

तब प्रोफेसर को सक हुआ कि उनके साथ फ्रॉड हुआ है। प्रोफेसर ने साइबर थाने में सूचना देकर अपना अकाउंट होल्ड करवाया। इसके बाद करवड़ थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाने के बाद पुलिस मामले की जांच में जुट गयी।

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