Spotnow news: बीजेपी ने विधानसभा उपचुनाव के लिए 7 में से 6 सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। पार्टी ने 5 प्रत्याशियों को बदलते हुए रामगढ़ और झुंझुनूं सीट पर बगावत करने वाले सुखवंत सिंह और राजेंद्र भांबू को उम्मीदवार बनाया है। इन परिवर्तनों के बाद पूर्व प्रत्याशी जय आहूजा और बबलू चौधरी ने विरोध जताना शुरू कर दिया है।
सीट ना मिलने पर जय आहूजा व बबलू चौधरी ने की बगावत
रामगढ़ सीट पर सुखवंत सिंह को उम्मीदवार बनाने पर जय आहूजा के समर्थकों ने विरोध शुरू कर दिया। जय आहूजा ने कहा कि विधानसभा चुनाव में कई तरह के प्रोपेगेंडा फैलाए गए और पार्टी के प्रति अपशब्द कहे गए। उन्होंने बताया कि उनके पांच मंडल अध्यक्षों ने इस्तीफा देने का निर्णय लिया है। समर्थकों ने कहा कि अगर जय नहीं हैं, तो हम भी नहीं हैं।
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झुंझुनूं सीट पर बबलू चौधरी ने राजेंद्र भांबू को टिकट देने पर विरोध जताया। उन्होंने अपने समर्थकों की बैठक बुलाई और सभी कार्यकर्ताओं को अधिक से अधिक संख्या में अपने आवास पर आने का आग्रह किया। 2023 विधानसभा चुनाव में बबलू चौधरी को टिकट दिया गया था, लेकिन इस बार उनका टिकट काटकर राजेंद्र भांबू को उम्मीदवार बनाया गया।
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खींवसर विधानसभा सीट
खींवसर विधानसभा सीट पर भाजपा ने ज्योति मिर्धा की जगह रेवंत राम डांगा को प्रत्याशी बनाया है। डांगा लंबे समय से हनुमान बेनीवाल की पार्टी में थे लेकिन हाल ही में भाजपा में शामिल हुए। भाजपा ने अपना उम्मीदवार तो बदल दिया है। लेकिन क्या वे RLP से टक्कर ले पाएंगे।
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जैसा दबदबा हनुमान बेनीवाल का खींवसर में रहा है यह तो सभी जानते हैं। 15 साल के राज को हिला पाएंगे डांगा यह देखने वाली बात होगी। RLP की तरफ से हनुमान बेनीवाल की पत्नी कनिका बेनीवाल चुनाव लड़ेंगी। पिछले चुनाव में उन्होंने महज 2,059 वोटों से हार का सामना किया था। पार्टी ने उन पर भरोसा जताया है।
झुंझुनू विधानसभा सीट
झुंझुनू विधानसभा उपचुनाव में भाजपा ने राजेंद्र भांबू को प्रत्याशी बनाया है। भांबू पिछले दो चुनावों से लगातार किस्मत आजमा रहे हैं। 2018 में उन्हें टिकट मिला था लेकिन पिछले चुनाव में टिकट काटने के बाद उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और 42,391 वोट प्राप्त किए। अब भाजपा ने उन पर फिर से भरोसा जताया है।
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रामगढ़ विधानसभा सीट
रामगढ़ विधानसभा सीट पर भाजपा ने सुखवंत सिंह को मैदान में उतारा है। सुखवंत पहले भाजपा में थे लेकिन नवंबर 2023 में टिकट न मिलने पर आजाद समाज पार्टी में शामिल हो गए थे। वहां उन्होंने 74,069 वोट हासिल किए थे और कांग्रेस के जुबेर खान से हार गए थे। लगातार दूसरे स्थान पर रहने के कारण भाजपा ने उन्हें फिर से मौका दिया है।
दौसा विधानसभा सीट
दौसा विधानसभा सीट से भाजपा ने जगमोहन मीणा को प्रत्याशी बनाया है। कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा अपने भाई को टिकट दिलाने में सफल रहे हैं। वे लोकसभा चुनाव के दौरान भाई के लिए पैरवी कर रहे थे लेकिन टिकट न मिलने से नाराज थे।
अब टिकट देकर उन्हें संतुष्ट किया गया है। भजनलाल सरकार के लिए किरोड़ी लाल कई बार चुनौतियां पेश कर चुके थे लेकिन भाई को टिकट मिलने के बाद पार्टी को उम्मीद है कि अगले चार साल तक ‘बाबा’ की ओर से कोई बड़ी समस्या नहीं आएगी।
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टोंक जिले की देवली-उनियारा विधानसभा सीट
टोंक जिले की देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर भाजपा ने पूर्व विधायक राजेंद्र गुर्जर को प्रत्याशी बनाया है। गुर्जर 2013 से 2018 तक भाजपा के विधायक रहे और पिछले चुनाव में उनका टिकट काट दिया गया था। इसके बावजूद वे पार्टी में बने रहे और अब उन्हें बगावत न करने का इनाम मिला है।
सलूंबर विधानसभा सीट
सलूंबर विधानसभा सीट पर भाजपा ने दिवंगत विधायक अमृतलाल मीणा की पत्नी शांता देवी मीणा को प्रत्याशी बनाया है। पार्टी ने सहानुभूति कार्ड खेलते हुए उनकी पत्नी को चुनावी मैदान में उतारा है जिससे जीत की संभावनाएं बढ़ जाएं।
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