Spotnow news: राजस्थान की सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की घोषणा हो चुकी है। ये उपचुनाव 13 नवंबर को होंगे। जिनमें झुंझुनूं, दौसा, देवली-उनियारा, खींवसर, चौरासी, सलूंबर और रामगढ़ विधानसभा शामिल हैं। उपचुनाव के परिणाम 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
साल 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में इनमें से 5 सीटें विधायकों के सांसद बनने के कारण और 2 सीटें विधायकों के निधन के कारण खाली हुई हैं। 11 महीने के भीतर ही इन सीटों पर फिर चुनाव कराना था।
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उपचुनाव से पहले शिक्षा विभाग के विवादित ट्रांसफर-
उपचुनाव की घोषणा से पहले शिक्षा विभाग ने 40 स्कूल प्रिंसिपल के ट्रांसफर किए जिनमें 39 सिर्फ दौसा जिले से थे। हालांकि सरकार ने बाद में इन आदेशों को रद्द कर दिया। बैन के बावजूद ग्रेड थर्ड शिक्षकों के भी तबादले हुए। इससे पहले राजस्थान सरकार ने प्रदेश के 78 नगरीय निकायों में राजनीतिक नियुक्तियों पर महज 6 घंटे में रोक लगा दी थी।
किसके पास कितनी सीटें थीं-
प्रदेश में जिन 7 सीटों पर उपचुनाव होने हैं, लेकिन बीजेपी के पास केवल सलूंबर सीट से अमृतलाल मीणा विधायक हैं। बाकी 6 सीटों में से 4 पर कांग्रेस का कब्जा था। एक सीट भारतीय आदिवासी पार्टी के पास थी और एक आरएलपी के पास थी। जो हनुमान बेनीवाल के सांसद बनने पर खाली हुई। झुंझुनू, दौसा, देवली-उनियारा और रामगढ़ सीटों पर कांग्रेस के एमएलए हैं।
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उपचुनाव में भजनलाल सरकार के कामकाज की परीक्षा-
सात सीटों पर होने वाले उपचुनाव के नतीजे प्रदेश की बीजेपी सरकार के कामकाज की पहली परीक्षा माने जाएंगे। इन नतीजों को जनता की मुहर के तौर पर प्रस्तुत किया जाएगा। अगर नतीजे बीजेपी के पक्ष में आते हैं। तो पार्टी इसे सरकार की सफलता बताएगी। लेकिन अगर नतीजे अनुकूल नहीं होते तो विपक्ष और आक्रामक हो जाएगा। जिससे सरकार को पर्सेप्शन के मोर्चे पर मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
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