Spotnow @ Jaipur. Helath Tips: गले और कान के दर्द में वायरस बड़ी वजह है। मौसम में बदलवा के साथ हरकोई इस संक्रमण से परेशान होता है।
Helath Tips: जयपुर के वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर रामावतार शर्मा ने बताया कि जब भी मौसम बदलता है जैसे कि सर्दी का अचानक बढ़ जाना, बरसात हो जाना या फिर तेज वातानुकूलन में यात्रा करना, कुछ ठंडा पेय सेवन करना आदि कई कारण हैं जिनके फलस्वरूप यकायक गले या फिर गले तथा कान दोनों में तेज दर्द होता हो सकता है।
Health Tips कान का तीव्र दर्द तो सोने तक नहीं देता और बच्चों को तो बेहद परेशान कर देता है। गले का दर्द भी इतना अधिक होता है कि अपने मुंह की लार तक निगल पाना दुभर हो जाता है। आधुनिक जीवनशैली में यह साधारण तकलीफ भी बड़ा भय पैदा कर देती है तथा लोग Google खोज कर के तुरंत ही कितने ही तरह के निदान करने लगते हैं और कुछ लोग तो बेहद दवाओं का सेवन भी स्वयं ही प्रारंभ कर लेते हैं। यहां एक बात हमेशा याद रखनी चाहिए कि जानकारी और तजुर्बे में बड़ा अंतर होता है इसलिए जीवन में हमेशा जानकारी से ऊपर तजुर्बे को महत्व दीजिए।
गले और कान दर्द के मामलों में कुछ अपवादों को छोड़ कर वायरल इन्फेक्शन या पेट से भोजन पदार्थों की वापसी सबसे बड़े कारण होते हैं। सामान्य धारणा के विपरीत, गले के संक्रमण बैक्टीरिया की बजाय वायरस से होते हैं। सौ में से नब्बे से भी ज्यादा रोगी वायरस संक्रमण से प्रभावित होते हैं पर यह एक बड़ी त्रासदी वाली बात है कि सौ में से 99 रोगी एंटीबायोटिक का सेवन करते हैं। याद रखिए कि एंटीबायोटिक के अनावश्यक उपयोग से आप चिकित्सा उद्योग के रीसाइकल पदार्थ जैसे बन रहे हो – डर की कीमत मानुष भुगते, थैली भरे हकीम वाली कहावत चिरतार्थ कर रहे हो।
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Health Tips यदि आपके गले में वायरल संक्रमण हो जाता है तो कान में भी दर्द हो सकता है। इसका कारण एक नर्व, जिसका नाम ग्लोसो फेरिंगियल नर्व है , का संवेदनशील हो जाना होता है। यह नर्व गले और कान दोनों क्षैत्रो में फैली हुई होती है। खराब गले के ठीक होने के बावजूद भी यदि कान का दर्द बना रहता है तो आपको किसी अनुभवी ईएनटी विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए।
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गले के अधिकतर वायरल संक्रमण घरेलू उपायों से ठीक हो सकते हैं परंतु किसी विश्वस्त चिकित्सक से निदान अवश्य करवा लेना चाहिए। यदि आपने थोड़ी सी सहनशक्ति प्रदर्शित की तो तकरीबन बिना किसी दवा या न्यूनतम दवा के सेवन द्वारा भी आपका संक्रमण ठीक हो सकता है। गुनगुने पानी के सेवन और उसी के गरारे, थोड़े गर्म तरल पदार्थों का सेवन, कम से कम बोलना, पर्याप्त आराम करना और तरल भोजन आदि आपको दवा जैसा फायदा देते है। आवश्यकता आत्म विश्वास और सब्र की होती है।
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Health Tips यदि नींद के दौरान आपके भोजन का कुछ हिस्सा वापस गले में आता है तो आप रात का भोजन कम मात्रा में लें, अधिकतर तरल भोजन लें और शाम को 6 से 8 बजे के बीच ही भोजन करें। अपने बेड का सिर वाला हिस्सा थोड़ा ऊंचा रखें और अपना वजन निर्धारित मापदंड के अंदर रखें। ऐसा करने पर आपको इस व्याधि में किसी भी दवा से ज्यादा राहत मिलेगी।