Spotnow @ jaipur. Health News: कई बार आपके साथ ऐसा होता होगा, जब सुबह सुबह आपकी आंखे तेज धड़कते दिल के साथ खुलती हों। आपको लगता हो कि आपकी छाती में आपका हृदय सामान्य से कहीं ज्यादा शक्ति एवम् गति से धड़क रहा है।
Health News: यह बात बहुत से लोगों को काफी बेचैन भी कर सकती है और कई लोगों को तुरंत किसी डॉक्टर के पास जाने को बाध्य भी कर देरी है। अधिकतर लोग किसी अनहोनी के डर से कांपने भी लगते हैं। ऐसी स्थिति में घबराहट होना एक सामान्य बात पाई जाती है।
हृदय की गति 100 बीट्स प्रति मिनट से अधिक हो जाती है जिसे चिकित्सक की भाषा में टेकीकार्डिया कहा जाता है। इस तरह की घटना कभी तो सामान्य बात होती है परंतु कई अन्य स्थितियों में इसे गंभीरता से लेना पड़ता है।
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यह घटना शरीर में विकसित हो रहे या बिगड़ रहे रोग का प्रतीक भी हो सकती है। जन सामान्य में स्वास्थ्य चेतना के लिए तेज धड़कते हृदय के बारे में जानना लाभकारी हो सकता है ताकि स्थिति को बेहतर तरीके से समझ कर कदम उठाया जा सके।
मानसिक तनाव या बेचैनी के कारण एक व्यक्ति सुबह के समय अपनी छाती में तेजी से धड़कन के साथ उठता है। ऐसा व्यक्ति इसके कारण घबराहट भी महसूस करता है।
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यदि किसी के मन में आंतरिक संघर्ष चल रहा हो तब भी हृदय की तेज धड़कन महसूस होने लगती है। मधुमेह ( डायबिटीज ) से प्रभावित व्यक्ति में रक्त शर्करा ( ब्लड शुगर ) के स्तर यदि काफी ऊंचे या नीचे चले जाएं तब भी दिल के धड़कने का अहसास होने से भय सा पैदा हो सकता है।
यदि कोई रात को सोने से पहले अधिक मात्रा में कैफीन का सेवन कर लेता है तो रात्रिकाल या सुबह के प्रथम पहर में उसकी नींद धड़कते दिल के अहसास के साथ टूट सकती है। ध्यान रहे केफीन सिर्फ कॉफी में ही नहीं होती है।
चाय, सोडा और कुछ दवाओं में भी केफीन हो सकती है। इसके अलावा सोने से पहले शरीर में यदि किसी कारण से पानी की कमी हो जिसे डिहाइड्रेशन कहा जाता है, तो भी मध्य रात्रि के बाद छाती में तेज धड़कते हृदय को महसूस किया जाता है।
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कम पानी से रक्त का वॉल्यूम कम हो जाता है तो ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए हृदय को तेज और शीघ्र धड़कना पड़ता है। इसी तरह अल्प रक्तता ( एनीमिया ) में भी हृदय की गति तेज हो जाती है क्योंकि रक्त में ऑक्सीजन को प्रवाहित करने वाले लाल रक्त कणों की कमी हो जाती है।
शराब के अधिक सेवन से भी हृदय उत्तेजित हो जाता है तथा साथ में शराब शरीर में डिहाइड्रेशन ( जल अल्पता ) भी पैदा करती है। जब भी बिंज ड्रिंकिंग ( अत्यधिक शराब सेवन ) किया जाएगा व्यक्ति की छाती में हृदय की धड़कन को डरावने तौर पर महसूस किया जाएगा। इसी प्रकार यदि पर्याप्त निंद्रा की स्थिति का अभाव होगा तो हृदय तेज गति से धड़क कर पाउंडिंग चेस्ट ( धड़कती छाती ) की स्थिति पैदा कर देगा।
डरावने सपने, सोने से पहले डरावनी फिल्म या कहानी देखना सुनना और रात में देर से तथा अधिक भोजन का सेवन आदि के कारण भी तेज हृदय गति भय पैदा कर सकती है।
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मोटापे के कारण किसी भी व्यक्ति को स्लीप एपनिया नामक रोग हो सकता है। इस रोग में नींद के दौरान कुछ समय के लिए श्वसन क्रिया बंद हो जाती है जिसके फलस्वरूप रक्त में ऑक्सीजन की कमी और कार्बन डाइऑक्साइड की बढ़ोतरी हो जाती है। ऐसे में जीवन रक्षा के लिए हृदय अधिक ताकत और गति से धड़कने लगता है।
एक दूसरी अवस्था को नार्कोलेप्सी कहते हैं जो एक निंद्रा बेहोशी की स्थिति होती है। इसमें पीड़ित व्यक्ति पर नींद का जबरदस्त आक्रमण होता है और वह अनियंत्रित हो कर क्षण भर ने इतना गहरी नींद में चला जाता है मानो मृत ही हो गया हो। इस स्थिति में जीवन रक्षा के लिए हृदय की गति काफी तेज हो जाती है।
पाउंडिग चेस्ट का हर मामला किसी रोग से ही जुड़ा हो यह आवश्यक नहीं है। मध्य उम्र में हार्मोन्स के रक्त स्तर में परिवर्तन, सामान्य बुखार और कुछ दवाओं के कारण भी हृदय की गति बढ़ जाती है और महसूस होने लगती है।
यदि आपको अपनी छाती में हृदय की धड़कन बार बार महसूस हो तो बेहतर होगा कि किसी अनुभवी चिकित्सक से परामर्श लें ताकि निदान हो सके।